किस मज़हब में लिखा है की लोगों को मारना धर्म है? किस कुरान या किसी धार्मिक ग्रंथ में लिखा है की निर्दोष, निरपराध, निरीह लोगों को मारने से जन्नत नसीब होती है? कत्लेआम, हैवानियत, दरिंदगी जिसका मज़हब और ईमान हो, वो इंसान कहलाने लायक नहीं, वरण उसे तो एक नरभक्षी राक्षश कहा जायेगा। जैसा कत्लेआम पेशावर में हुआ, वैसा ना कभी हुआ था ना कभी हमने इसकी कल्पना भी की थी। यह एक भयावह सपने की तरह आया और वास्तविकता बन गया। मासूमों को भेद बकरियों की तरह मारा गया, कुचला गया।
उन्हे तो पता ही नहीं चला की क्या हो गया। सोच कर ही मन घबरा जाता है की उन बच्चो पे क्या बीत रही होगी जो अपने ही आंखो के सामने अपने साथियों को मरते हुये देख रहे होंगे, और अपनी बारी का इंतेज़ार कर रहे होंगे। सोच कर ही पूरा सरीर सिहर उठता है, तो उन मासूमों पर क्या गुजरी होगी। हर जगह खून से लथपथ अपने सहपाठियों को देख, वे तो वैसे ही आतंकित हो गये होंगे। जिंदगी भर के लिये उन्हे एक भयावह सपना मिल गया, जो ताजिंदगी उनके साथ एक नासूर के तरह रहेगा।
१३२ बच्चे…..१३२ मायें तबाह हो गयी, १३२ अरमानों की बलि चढ़ गयी और १३२ माओं की कोख उजड़ गयी। इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है, की एक मां, एक बाप आज आपने ही जिगर के टुकड़े को कब्र मे दफना रहा है……अपने ही सामने, अपने लख्तेजिगर को हमेशा के लिये अलबिदा कह रहा है। क्या बिगड़ा था इन मासूमों ने किसीका? ये तो बेपरवाह परिंदे थे…..भगवान, अल्लाह की नेमत थें..आखिर क्यूं? क्या मिला इन्हे मार के? अखबार में सुर्खियाँ, दुनिया को खौफ का संदेश!! अगर यही बात है, तो तुम सफल हुये!! पर ये मत भूलों की इन मासूमों के खून से हाथ धो कर तुमने बड़ा कुछ हासिल किया है, तुम तो कायर हो…तुम्हे तो दोज़ख में भी जगह नहीं मिलेगी!!! तुम आतंकवादी, वहसी दरिन्दे क्या सोचते हो की तुम्हारे मारने से इंसानियत मर जायेगी, नहीं!!! कभी नहीं!!! अलबत्ता, आज इंसानियत और भी एक हो गयी है, लामबन्द है तुम कायरों का सामना करने के लिये। आज हम सबो के हौसले और भी मजबूत हो गये हैं, तुम्हे नेस्तनाबूत करनेके लिये। आज पूरी दुनिया एक हो गयी है और तुम्हारा खात्मा तय है। तुम चाहे कोई भी हो, भगवान नहीं। तुम्हारा अंत निस्चित है क्योंकि आज जो तुमने किया है वो केवल निन्दनिया ही नहीं बल्कि घोर अपराध है, जिसकी सजा केवल तुम्हारा खात्मा ही है। बस अब उल्टी गिनती सुरु…… अंत में मेरी भावभीनी श्राधांजलि, उन मासूमों के नाम…….जाओ बच्चो, हम सब तुम्हे याद करेंगे और तुम्हारी सहादत बेजा जाने नहीं देंगे। जाओ, तुम जहां जा रहे हो वहां बहुत प्यार मिलेगा……… मन मे ये आशा है की पाकिस्तान की हुकूमत और अवाम इसका मुंहतोड़ जवाब देगी और एक एक से इसका बदला लेगी……
“When your child dies,you bury him in your heart, he only dies the day you die”-#pashtoquote
Taliban you surely are going to rot in hell. You have shamed humanity and you Dont deserve to be called humans, worst not even animals. Killing the little flowers, the beautiful creation of God, Allah and Bhagwan and you call yourself devout. Allah is surely going to take a stock of your dastardly act and make sure you rot here. Pakistan need to introspect and should take grip of the situation, while not making any distinction between good and bad terrorism. All sort of terrorism, be it aimed at india or ethnic terrorism, religious terrorism. It shouldn’t have taken the killing of these innocent lives for Pakistan to learn a lesson. Hope they resolve to obliterate these weeds from the face of Pakistan. Dont need any more of such tragedy!!!!